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कोने की दुकान दैनिक लेखनी प्रतियोगिता -23-Sep-2023



                 कोने की दुकान
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     एक नगर में एक सेठ रहता था।  उस सेठ के दो बैटे थे । बडा़  बेटा बहुत चालाक था। वह सेठ अपनी सम्पति  का बटवारा  किये बिना ही इस दुनियाँ  से चला गया। सेठ ने जो हथेली बनाई थी   उसके दो बराबर के हिस्से पहले से ही बनाये थे।

       सेठ ने दुकान  भी दो ही बनाई थी । लेकिन  एक दुकान  बिल्कुल  सामने थी परन्तु  दूसरी दुकान  कोने मैं थी। कोने वाली दुकान  कोई  भी किराये पर भी नहीं लेता  था क्योंकि  वहाँ तक  ग्राहक पहुँचता ही नहीं था। इसलिए  वह दुकान  अधिकतर  बन्द ही रहती थी।
       जब दुकान का बटवारा  हुआ  तब बडे़  भाई ने चालाकी  से वह दुकान  छोटे भाई  को देदी।  छोटा भाई  कुछ  नही बोला।

      छोटे भाई  ने कोने की दुकान  में ही किराने  का  सामान  रखलिया।  दुकान  खोले दस दिन होगये लेकिन  एक भी ग्राहक नहीं आया।

     छोटे ने पता किया कि बडा़  भाई  व अन्य  दुकान वाले देशी घई 600/=प्रति किलो बेचरहे हैं। छोटे भाई  ने अपनी दुकान  पर बडे़  बडे़  अच्छरौ में बोर्ड  लगाया  कि हमारे यहाँ देशी घी 500/=  प्रति किलो मिलता है।।

        देशी घी की कीमत  में इतना अंतर देखकर  सभी ग्राहक  छोटे की दुकान  पर आने लगे। जब पूरे दिन में बडे़  भाई  की दुकान  पर एक भी ग्राहक  नहीं गया तब  बडे़  भाई  ने बोर्ड  लगाया हमारे  यहाँ देशी घी 450/= प्रति किलो। इसे देखकर  छोटे  भाई  ने बोर्ड  लगाया  देशी घी 400/= प्रति  किलो।

        इस तरह छोटे  भाई  व बडे़  भाई  की देशी घी   की कीमत  कम करने की बहस  का छोटे  भाई  की पत्नी को पता चला।

        एक दिन जब शाम को छोटा भाई  दुकान  बंद करके घर पहुँचा तब खाना खिलाते हुए  उसकी पत्नी ने पूछा , "  आप दोनों आपसी बहस में अपना नुकसान  क्यौ कर रहे हो?"

   इसपर छोटा भाई  बोला," तू पागल है। मैं बनिये का बेटा हूँ मैं अपना नुकसान  कैसे कर सकता हूँ?"

तब पत्नी ने पूछा," आप देशी घी की कीमत इतनी कम कर रहे हो तब इससे आपको नुकसान  नहीं हो रहा है।

   छोटा भाई  बोला," मै  अपनी दुकान  पर देशी घी   रखता ही नहीं। जब ग्राहक  देशी घी मांगता है तब मैं ग्राहक  को समझा देता हूँ कि   देशी घी  आज  सुबह ही खत्म हुआ  है। "

    अपने पति की चालाकी पर वह मुस्कराने लगी। छोटे भाई  ने किस तरह चालाकी से अपनी  दुकान  पर घी न रखकर  और उसकी कीमत  कम दिखाकर ग्राहक को अपनी तरफ आकर्षित  किया। इसतरह उसकी कौने वाली दुकान  भी  चलने लगी।


आज की दैनिक  प्रतियोगिता हेतु रचना।

नरेश  शर्मा " पचौरी "

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4 Comments

kashish

26-Sep-2023 10:18 PM

Awesome

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Gunjan Kamal

26-Sep-2023 08:21 PM

बहुत खूब

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Varsha_Upadhyay

24-Sep-2023 05:03 PM

Nice 👌

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